मोहब्बत
काश तू बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे.
जब मैं रूठूँ तो तू मुझे मना ले.नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली मैने ही तो मांगी थी, उसके लिए
खुशी की दुआ....!!
मेरे बगैर अब वो खुश है, तो फिर जलन कैसी..
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