दुनिया के इस आधुनिक युग में हनुमान जी के सबसे विशेष मंदिर बजरंगगढ़ में उन्ही का स्वरूप रामू (वानर) वर्षों से मंदिर की पहरेदारी कर रहा है। रामू कोई आम वानर नहीं है, उसमें कई एेसी विशेषताएं है जो आम वानरों में देखने को नहीं मिलती। रामू पूरा दिन बजरंगगढ़ की पहरेदारी करने के साथ-साथ तिलक लगवाना, मंदिर की घंटी बजाना, गिलास से उठाकर पानी पीना, बालाजी के भजन पर नृत्य जैसी कई अद्भूत क्रियाएं करता है। रामू पूरा समय मंदिर में ही रहता है, यहीं खाता-पीता है, सोता है और मंदिर परिसर में विचरण करता रहता है। रामू तिलक लगवाता है, अपने पैर धुलवाने देता है, आर्शिवाद देता है व आरती के दौरान कई बार अचानक से मंदिर की घंटी बजा आता है। रामू जब आर्शीवाद देने के लिए हाथ उठाता है तो एेसा लगता है मानो साक्षात हनुमानजी अपने भक्त को आर्शीवाद प्रदान कर रहे हों।
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